गिरिडीह:- गावां प्रखण्ड के गावां पंचायत में 2021-22 एवं 2022-23 में तकरीबन ढाई दर्जन पशु शेड बने ही नहीं और निकल गई पूरी राशि!!
सोशल ऑडिट टीम की जांच पर उठा सवाल। मिली जानकारी के अनुसार बगैर निर्माण कार्य किए मटेरियल की राशि व मजदूरी की राशि की निकासी कर बंदरबांट कर ली गई है। बता दें कि 2021-22 एवं 2022-23 में थोक के भाव में प्रखण्ड के विभिन्न पंचायतों में पशु शेड योजना की स्वीकृति दी गई थी। इनमें केवल गावां पंचायत में ही करीब ढाई दर्जन पशुशेड जमीन पर बने ही नहीं और कागजों पर ही काम पूरा करवाकर पूरी राशि का गबन कर लिया गया है। गावां, सेरूआ, अमतरो एवं मंझने पंचायत में एक-एक घर में एक नहीं बल्कि दो-दो, तीन-तीन पशु शेड योजना दी गई। यही कारण है कि बगैर निर्माण किए ही लाभुकों व मनरेगा के बिचौलियों की ओर से पूरी राशि की निकासी कर ली गई और उसका बंदरबांट कर लिया गया है। पूरे प्रखण्ड के पशु शेड योजना की जांच अगर कराई जाए तो गबन की राशि का आंकड़ा करोड़ों में हो सकता है।
पशु शेड योजना के अजीबो-गरीब मामले
गावां प्रखण्ड में पशु शेड योजना में अजीबो-गरीब मामले देखने को मिले हैं। यूं तो पशु शेड योजना का लाभ उन्हें दिया जाना था जो किसान तबके के हैं जिनके पास एक से अधिक पशु हैं और उसे रखने के लिए जगह नहीं है। परंतु गावां में ऐसे- ऐसे लाभुक हैं जिनके यहां मवेशी तो दूर एक बकरी भी नहीं है और आलीशान मकान बना हुआ है बावजूद इसके उन लोगों को पशु शेड योजना का लाभ दिया गया है। जबकि कई ऐसे जरूरतमंद किसान हैं जिनके पास काफी संख्या में मवेशी हैं जिन्हें रखने के लिए जगह नहीं है। परतुं चढ़ावे के बल पर नियमों की खुलकर अनदेखी करते हुए नियम विरुद्ध पशुशेड योजना दी गई है।